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खुलेआम स्प्लिटिंग ऑफ़ एकाउंट खुलवाना, मनघडंत आदेशो , भ्रामक लक्ष्यआकप्राप्ति , नियमविरुद्ध कार्य और अव्यवहारू दबाव रोकने के बारे में आवेदन.
"rashmin dineshchandra purohit"<rashminpurohit@rediffmail.com> to you & others
Wed, 28 Dec 2016 18:03:51 GMT+0530
प्रति, दी. 28 दिसंबर '16
चीफ पोस्टमास्टर जनरल
गुजरात सर्कल , अमदावाद 380001
विषय: खुलेआम स्प्लिटिंग ऑफ़ एकाउंट खुलवाना, मनघडंत आदेशो , भ्रामक लक्ष्यआकप्राप्ति , नियमविरुद्ध कार्य और अव्यवहारू दबाव रोकने के बारे में आवेदन.
आदरणीय महोदय सर,
नमस्कार. आज भावनगर के साथियो से जाना की डी .पी .एस . साहब राजकोट ने भावनगर के मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव को नए अकाउंट क्यों नहीं खुल रहे हे ऐसा फोन पर पूछा. (बेशक पूछना और एडमिंस्ट्रेटिव दबाव डालना ही चाहिए). वह एम्.ई. ने कहा की उसके पास पैसे हे लेकिन महुवा, जहा वह कार्यरत है, अकाउंट खोलने के लिए स्टाफ नहीं है. इस बात को लेकर डी .पी .एस . साहब राजकोट ने भावनगर के आसी.सुप्रि को कहा की पांच ऑफिस असिस्टेंट को लेकर अकाउंट खुलवाने के लिए अभी के अभी महुवा चले जाव और वहासे बात करो, उसके पहले कोई बात नहीं होगी. बस, क्या करे! पाँच ऑफिस असिस्टेंट को गाड़ी में बिठा कर साहब चले गए. महुवा के एम्.ई. के पास साढेसात लाख रुपये है और स्प्लिटिंग करके अकाउंट खोलना है!
साहब, हम कुछ कहे तो नेगेटिव है ऐसा लगता होगा, लेकिन क्या इतने सारे अकाउंट स्प्लिटिंग करके खोलना जाईश है? क्या डायरेक्टरेट की कोई सुचना का कोई मतलब नहीं है?
दूसरी बात यह हे की अगर फिनाक्ल सॉफ्टवेर में महुवा के एकाउंट खोलना ही है तो उसके लिए महुवा जाना जरुरी है? आज भी भावनगर बैठके ही खोल शकते है.महुवा में तो पाँच लोग काम करे, उसके लिए इतने कोम्पुटर भी नहीं है फिर भी ऐसा हुकम फरमाना बराबर है की अभी के अभी चले जाओ महुवा और वहां जाकर वहिसे ही बात करो. सर, एक लेडी ओ.ऐ. का तो एक साल से छोटा बच्चा हे और आफ्टरनून में 90 किलोमीटर दूर बिनजरूरी ले जाना सही नहीं हे. किसी को महुवा जाने की क्या जरूर हे?
और बात यह है की एक एस .बी. 7 की 3000 कॉपी ज़ेरोक्स कर के खोलना है.
मैंने माननीय PMG BD सर से बात की तो उन्होंने CPMG सर से बात करने को कहा. वहां मीटिंग चल
रही हे, और सर्कल मुखिया से रिजियन की सभी बातो को लेकर बात करना ठीक नहीं लग रहा हे, इसलिए इस इ मेल से अवगत करा रहा हु.
ऐसे ही, अमदावाद जी.पी .ओ. में दो लाख रूपये के एक चेक से दो हजार एकाउंट खुलवाए गए. सब जानते है लेकिन दबाव और डर इतना ज्यादा है की खुलमखुला नियम विरुद्ध और अयोग्य कार्य , बिना जवाबदारी लिए, करवाये जा रहे है.
हम थक चुके है, ऐसे एप्रोच से. हम सब को मिलकर आत्मनिरीक्षण और सुधार करने की जरूर है. भावनगर वाली उपरोक्त घटना में भी आवश्यक सुचना देने की कृपा करे.
हमारी रजुवात को गलत मत सोचे. हम पूर्णरूप से सकारात्मक और सहभागी ही है. पर, जो कुछ जिस तरीके से चल रहा है, बहोत ही चिंताजनक है. क्या ऐसा करने के लीये डायरेक्टरेट अथवा किसी का दबाव है ? ऐसा हो तो we will represent, through appropriate channel, to Hon. Minister/Hon. PM.
urging response and immediate action,
with regards
yours Sincerely
Rashmin Purohit
CS AIPE Union Group C
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खुलेआम स्प्लिटिंग ऑफ़ एकाउंट खुलवाना, मनघडंत आदेशो , भ्रामक लक्ष्यआकप्राप्ति , नियमविरुद्ध कार्य और अव्यवहारू दबाव रोकने के बारे में आवेदन.
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Wed, 28 Dec 2016 18:03:51 GMT+0530
प्रति, दी. 28 दिसंबर '16
चीफ पोस्टमास्टर जनरल
गुजरात सर्कल , अमदावाद 380001
विषय: खुलेआम स्प्लिटिंग ऑफ़ एकाउंट खुलवाना, मनघडंत आदेशो , भ्रामक लक्ष्यआकप्राप्ति , नियमविरुद्ध कार्य और अव्यवहारू दबाव रोकने के बारे में आवेदन.
आदरणीय महोदय सर,
नमस्कार. आज भावनगर के साथियो से जाना की डी .पी .एस . साहब राजकोट ने भावनगर के मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव को नए अकाउंट क्यों नहीं खुल रहे हे ऐसा फोन पर पूछा. (बेशक पूछना और एडमिंस्ट्रेटिव दबाव डालना ही चाहिए). वह एम्.ई. ने कहा की उसके पास पैसे हे लेकिन महुवा, जहा वह कार्यरत है, अकाउंट खोलने के लिए स्टाफ नहीं है. इस बात को लेकर डी .पी .एस . साहब राजकोट ने भावनगर के आसी.सुप्रि को कहा की पांच ऑफिस असिस्टेंट को लेकर अकाउंट खुलवाने के लिए अभी के अभी महुवा चले जाव और वहासे बात करो, उसके पहले कोई बात नहीं होगी. बस, क्या करे! पाँच ऑफिस असिस्टेंट को गाड़ी में बिठा कर साहब चले गए. महुवा के एम्.ई. के पास साढेसात लाख रुपये है और स्प्लिटिंग करके अकाउंट खोलना है!
साहब, हम कुछ कहे तो नेगेटिव है ऐसा लगता होगा, लेकिन क्या इतने सारे अकाउंट स्प्लिटिंग करके खोलना जाईश है? क्या डायरेक्टरेट की कोई सुचना का कोई मतलब नहीं है?
दूसरी बात यह हे की अगर फिनाक्ल सॉफ्टवेर में महुवा के एकाउंट खोलना ही है तो उसके लिए महुवा जाना जरुरी है? आज भी भावनगर बैठके ही खोल शकते है.महुवा में तो पाँच लोग काम करे, उसके लिए इतने कोम्पुटर भी नहीं है फिर भी ऐसा हुकम फरमाना बराबर है की अभी के अभी चले जाओ महुवा और वहां जाकर वहिसे ही बात करो. सर, एक लेडी ओ.ऐ. का तो एक साल से छोटा बच्चा हे और आफ्टरनून में 90 किलोमीटर दूर बिनजरूरी ले जाना सही नहीं हे. किसी को महुवा जाने की क्या जरूर हे?
और बात यह है की एक एस .बी. 7 की 3000 कॉपी ज़ेरोक्स कर के खोलना है.
मैंने माननीय PMG BD सर से बात की तो उन्होंने CPMG सर से बात करने को कहा. वहां मीटिंग चल
रही हे, और सर्कल मुखिया से रिजियन की सभी बातो को लेकर बात करना ठीक नहीं लग रहा हे, इसलिए इस इ मेल से अवगत करा रहा हु.
ऐसे ही, अमदावाद जी.पी .ओ. में दो लाख रूपये के एक चेक से दो हजार एकाउंट खुलवाए गए. सब जानते है लेकिन दबाव और डर इतना ज्यादा है की खुलमखुला नियम विरुद्ध और अयोग्य कार्य , बिना जवाबदारी लिए, करवाये जा रहे है.
हम थक चुके है, ऐसे एप्रोच से. हम सब को मिलकर आत्मनिरीक्षण और सुधार करने की जरूर है. भावनगर वाली उपरोक्त घटना में भी आवश्यक सुचना देने की कृपा करे.
हमारी रजुवात को गलत मत सोचे. हम पूर्णरूप से सकारात्मक और सहभागी ही है. पर, जो कुछ जिस तरीके से चल रहा है, बहोत ही चिंताजनक है. क्या ऐसा करने के लीये डायरेक्टरेट अथवा किसी का दबाव है ? ऐसा हो तो we will represent, through appropriate channel, to Hon. Minister/Hon. PM.
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