हम डाक कर्मचारी अब थक चुके है. जवाबदार और मुख्या (बड़ा) यूनियन होने की वजह से हम अपने स्टाफ को डाक विभाग की प्रगति, आधुनिकीकरण और तकनीकीकरण में निरंतर सहयोग देने के लिए आजतक प्रोत्साहित कर रहे है. लेकिन सर्वर डाउन ही हो जाता है, फिनॅकल सॉफ्टवेयर चल नहीं रहा, नेटवर्क भी ठीक नहीं, महत्तम डाकखानों में हार्डवेयर भी पुराने कंडेम्न करने लायक चला रहे है. कब तक हमारा स्टाफ देर रात तक घर परिवार की कोई भी जवाबदारी निभाए बिना ऑफिस में बैठा रहेगा?
व्याज दरो में १-४-१६ से कटौती हो रही है. इस कारन एजेंट्स और कस्टमर्स नए एकाउंट्स ले कर आ रहे है. इस सभी कार्य को पूरा करने के लिए सर्वर, सॉफ्टवेयर और नेटवर्क चलेगा ऐसी किसको गैरंटी है! कौन जवाबदारी लेगा? क्या ३१ मार्च तक जो भी और जितना भी काम आये, उसे स्वीकारा जाये? उसे कैसे पूरा करना है और किसको कब यह सब करना है? इन सभी सवाल हरेक डिविजनल सेक्रेटरी को अपने यूनिट के मुख्या (एसपी /एसएसपी) को पत्र लिख कर उठाने चाहिए.
यूनियन भी मौन रहेगा, अधिकारी भी मौन रहेंगे तो दूर दूर तक काउंटर पर बैठे हमारे स्टाफ की हालत कैसे सुधरेगी? इस लिंक में प्रस्तावित पत्र सभी डिविजनल सेक्रेटरी अपने एसपी/एसएसपी को लिखे ऐसा गुजरात के सभी यूनिट को आदेश दिया जाता है. और लोग भी ऐसे ही अपने क्षेत्र में नेतागण को विश्वास में ले कर कर सकते है.
न कोई अधिकारी कुछ पूछ रहा है, न ओवरटाइम अथवा कम्पेन्सेटरी ऑफ देने की सोच रहा है, न टी किस किस दिन किस ऑफिस में कौन कौन देर रात तक बैठा था उसकी नोट्स रखने का कहा जाता है. स्टाफ स्थानांतर अथवा शोषण होने के भय से इस पीड़ा को सह रहा है और अधिकारी तो टारगेट के पीछे पड़ा हुवा है. जानता हे की गलत है, फिर भी स्माल देनोमिनेशन के खाते स्प्लिटिंग करके खुलवाते रहता है. ऐसे अनपेक्षित लाखो नए एकाउंट्स के कारन सर्वर में डेटा जाम हो जाता है. फाइनेंस मिनिस्ट्री के साथ भी छल किया जाता है. हमारे बार बार लिखने पर भी ऐसे अति उत्साहित पीएमजी और सुप्रींटेंडेंट्स को किसी ने रोका नहीं. अगले साल ऐसे एकाउंट्स क्लोज करने में कितना टाइम और मानवशक्ति का व्यय होगा? ऐसे एकाउंट्स को इर्रेगुलर्ली ओपेन्ड एकाउंट्स करार दे कर तुरंत बंध करवा ने चाहिए और ऐसा कराने वाले अधिकारी ओ पर डायरेक्टरेट एवं फाइनेंस मंत्रालयों के साथ छल करने के आरोप लगाकर शिस्तभंग की शिक्षात्मक कार्यवाही करनी चाहिए. हमारे पत्रो और इमेल्स सर्कल ऑफिस में किस अधिकारी तक पहोचाया गया और उसमे क्या कोई सुचना दी गई थी इसकी भी जाँच होनी चाहिए.
हम सभी ने तय कर लया है की गुजरात सर्कल में सभी सर्वर,नेटवर्क,सॉफ्टवेयर,हार्डवेयर के जो भी प्रोब्लेम्स है उसे सुलज़ाना एडमिनिस्ट्रेशन का काम हैं . हम सब 15 अप्रैल से अपने कार्य समय की समाप्ति पर दफ्तर छोड देंगे .
रश्मिन पुरोहित
सर्कल सेक्रेटरी
एआइपीईयू ग्रुप सी
गुजरात सर्किल
व्याज दरो में १-४-१६ से कटौती हो रही है. इस कारन एजेंट्स और कस्टमर्स नए एकाउंट्स ले कर आ रहे है. इस सभी कार्य को पूरा करने के लिए सर्वर, सॉफ्टवेयर और नेटवर्क चलेगा ऐसी किसको गैरंटी है! कौन जवाबदारी लेगा? क्या ३१ मार्च तक जो भी और जितना भी काम आये, उसे स्वीकारा जाये? उसे कैसे पूरा करना है और किसको कब यह सब करना है? इन सभी सवाल हरेक डिविजनल सेक्रेटरी को अपने यूनिट के मुख्या (एसपी /एसएसपी) को पत्र लिख कर उठाने चाहिए.
यूनियन भी मौन रहेगा, अधिकारी भी मौन रहेंगे तो दूर दूर तक काउंटर पर बैठे हमारे स्टाफ की हालत कैसे सुधरेगी? इस लिंक में प्रस्तावित पत्र सभी डिविजनल सेक्रेटरी अपने एसपी/एसएसपी को लिखे ऐसा गुजरात के सभी यूनिट को आदेश दिया जाता है. और लोग भी ऐसे ही अपने क्षेत्र में नेतागण को विश्वास में ले कर कर सकते है.
न कोई अधिकारी कुछ पूछ रहा है, न ओवरटाइम अथवा कम्पेन्सेटरी ऑफ देने की सोच रहा है, न टी किस किस दिन किस ऑफिस में कौन कौन देर रात तक बैठा था उसकी नोट्स रखने का कहा जाता है. स्टाफ स्थानांतर अथवा शोषण होने के भय से इस पीड़ा को सह रहा है और अधिकारी तो टारगेट के पीछे पड़ा हुवा है. जानता हे की गलत है, फिर भी स्माल देनोमिनेशन के खाते स्प्लिटिंग करके खुलवाते रहता है. ऐसे अनपेक्षित लाखो नए एकाउंट्स के कारन सर्वर में डेटा जाम हो जाता है. फाइनेंस मिनिस्ट्री के साथ भी छल किया जाता है. हमारे बार बार लिखने पर भी ऐसे अति उत्साहित पीएमजी और सुप्रींटेंडेंट्स को किसी ने रोका नहीं. अगले साल ऐसे एकाउंट्स क्लोज करने में कितना टाइम और मानवशक्ति का व्यय होगा? ऐसे एकाउंट्स को इर्रेगुलर्ली ओपेन्ड एकाउंट्स करार दे कर तुरंत बंध करवा ने चाहिए और ऐसा कराने वाले अधिकारी ओ पर डायरेक्टरेट एवं फाइनेंस मंत्रालयों के साथ छल करने के आरोप लगाकर शिस्तभंग की शिक्षात्मक कार्यवाही करनी चाहिए. हमारे पत्रो और इमेल्स सर्कल ऑफिस में किस अधिकारी तक पहोचाया गया और उसमे क्या कोई सुचना दी गई थी इसकी भी जाँच होनी चाहिए.
हम सभी ने तय कर लया है की गुजरात सर्कल में सभी सर्वर,नेटवर्क,सॉफ्टवेयर,हार्डवेयर के जो भी प्रोब्लेम्स है उसे सुलज़ाना एडमिनिस्ट्रेशन का काम हैं . हम सब 15 अप्रैल से अपने कार्य समय की समाप्ति पर दफ्तर छोड देंगे .
रश्मिन पुरोहित
सर्कल सेक्रेटरी
एआइपीईयू ग्रुप सी
गुजरात सर्किल
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