Thursday, June 30, 2016

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा घोषित 7वें वेतन आयोग की वृद्धि को 'एकतरफा एवं अपर्याप्त' करार देते हुए कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि पिछले सात दशकों में 'यह सबसे कम वेतन वृद्धि' है।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाल ने कहा, 'छठे वेतन आयोग ने वेतन और भत्तों में 20 फीसदी वृद्धि की सिफारिश की थी, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उसे बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया था। सातवें वेतन आयोग ने 14.29 फीसदी वेतन बढ़ाने की सिफारिश की है और मोदी सरकार ने महज 15 फीसदी बढ़ाया है।' उन्होंने कहा कि न्यूनतम और अधिकतम वेतन वृद्धि का अनुपात बढ़ गया है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'उदाहरण के तौर पर सबसे अधिक वेतन वृद्धि 90 हजार से 2.50 लाख की गई है, लेकिन न्यूनतम वेतन को सात हजार से बढ़ाकर केवल 18 हजार रुपये किया गया है। यह अनुपात 1:14 है, जबकि पहले यह 1:12 का था। स्वाभाविक है कि कम वेतन पाने वाले कर्मचारी को सबसे अधिक तकलीफ होती है।'

सुरजेवाला ने कहा कि मूल वेतन पर वेतन एवं भत्तों की यह बढ़ोतरी महज 15 फीसदी है, न कि 23.5 फीसदी जैसा कि सरकार गलत ढंग से दावा कर रही है।

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